जानें, मंगलसूत्र धारण करने के नियम और इसका महत्व

सनातन धर्म में विवाह में मंगलसूत्र का सबसे अहम स्थान है। इसके साथ ही वैवाहिक जीवन का प्रतीक माने जाने वाले मंगलसूत्र को धारण करने के नियम और सावधानियां भी बतायी गयी हैं।
मंगलसूत्र एक काले मोतियों की माला होती है, जिसे महिलाएं अपने गले में धारण करती हैं। इसके अंदर बहुत सारी चीज़ें जुड़ी होती हैं और हर चीज़ का सम्बन्ध शुभता से होता है। माना जाता है कि मंगलसूत्र धारण करने से पति की रक्षा होती है और पति के जीवन के सारे संकट कट जाते हैं जबकि यह महिलाओं के लिए भी रक्षा कवच और सम्पन्नता का काम करता है।
मंगलसूत्र के अंदर क्या-क्या चीज़ें होती हैं?
मंगलसूत्र में पीला धागा होता है
इसी पीले धागे में काली मोतियाँ पिरोई जाती हैं
साथ में एक सोने या पीतल का लॉकेट भी लगा हुआ होता है
यह लॉकेट गोल या चौकोर , दोनों हो सकता है
मंगलसूत्र में सोना या पीतल भले ही न लगा हो पर पीले धागे में काली मोतियाँ जरूर होनी चाहिए
मंगलसूत्र में लगी हुयी चीज़ें कैसे ग्रहों को नियंत्रित करती हैं ?
मंगलसूत्र का पीला धागा और सोना या पीतल बृहस्पति का प्रतीक है
जिससे महिलाओं का बृहस्पति मजबूत होता है
काले मोतियों से महिलाएं और उनका सौभाग्य बुरी नज़र से बचे रहते हैं
यह भी मानते हैं कि मंगलसूत्र का पीला हिस्सा माँ पार्वती है और काले हिस्सा भगवान शिव
शिव जी की कृपा से महिला और उसके पति की रक्षा होती है
तथा माँ पार्वती की कृपा से वैवाहिक जीवन सुखमय बना रहता है
मंगलसूत्र धारण करने के नियम और सावधानियां क्या हैं ?
मंगलसूत्र या तो स्वयं खरीदें या अपने पति से लें
किसी अन्य से मंगलसूत्र लेना उत्तम नहीं होता
मंगलसूत्र मंगलवार को न खरीदें
धारण करने के पूर्व इसे माँ पार्वती को अर्पित करें
जब तक बहुत ज्यादा जरूरी न हो मंगलसूत्र को न उतारें
मंगलसूत्र में लगा हुआ सोना अगर चौकोर हो तो बहुत उत्तम होगा

Spread the love
Add a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement